Thursday, 24 October 2013

आई एफ डब्लयू जे के सम्मेलन के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है

आई एफ डब्लयू जे के सम्मेलन के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि सम्मेलन में पंजीकृत सदस्य को उपहार - भेट - प्रतीक रूप में कोई सामग्री नहीं दी गई। जबकि वाहन भर कर बैग आए थे। मध्यप्रदेश के लगभग तीस से अधिक पत्रकारो को जानबुझ कर उक्त् सामग्री से वंचित रखने में किसी साजिश की बू आती है। पांच सौ रूपए की राशी लेने के बाद हर सम्मेलन में बीते तुमकुर सम्मेलन में हाथ घडी दी गई थी लेकिन इस बार किसी भी प्रकार की उपहार सामग्री का न दिया जाना संगठन को बदनाम करने की साजिश का एक हिस्सा हो सकता है।
रा. अध्यक्ष के विक्रमराव, महासचिव परमानंद जी पाण्डे को इस बात की जांच करवाना चाहिए कि आखिर मध्यप्रदेश के तीस लोगो को क्यूं उपहार सामग्री नहीं दी गई जबकि पूरे मध्यप्रदेश से कोटामनी के रूप में पंजीयन स्वरूप 8 हजार रूपए की राशी मैने तथा एक हजार रूपए की राशी मनोज शर्मा, पांच रूपए जगदीश पंवार तथा विनय जी डेविड ने 7 हजार रूपए की राशी जमा कर रसीदे प्राप्त की गई।
संगठन हमारा एक अभिव्यक्ति का मंच है तथा फेसबुक उसका एक माध्यम इसलिए हम अपनी बात संगठन के समक्ष रख रहे है।
धन्यवाद
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